लेखनी कहानी -02-Jul-2023... एक दूजे के वास्ते... (4)
रश्मि कोलेज पहुँचीं ही थी कि .....राहुल और अलका दौड़ते हुए उसके पास आए और बोले:- कितनी देर लगा दी रश्मि .....हम कब से तेरा वेट कर रहे हैं। अभी जल्दी चल हैड सर तुझे बुला रहे हैं।
सॉरी यार...आज मेरा दिन ही खराब है...। एक तो रिक्शा नहीं मिल रही थी और ऊपर से....इतना कहकर वो चुप हो गई..।
ऊपर से क्या....?
रश्मि बोली :- कुछ नहीं अलका.....चल अभी सर के आफिस चलते हैं।
इतना कहकर तीनों सर के आफिस पंहुचे।
"मे आई कमिंग सर "....
ओह! रश्मि।
कम इन ऑल .......।
बैठो....
रश्मि हमारे कोलेज की तुम सबसे होनहार छात्रा हो। मुझे तुमसे बहुत उम्मीदें है, और तुम्हारा तो सपना भी यही था कि .......ऐसे किसी बड़े प्लेटफार्म पर तुम्हें खेलने का मौका मिले। मैने इसलिए बेस्ट कोच को भी स्पोंसर किया है। तुम्हारा ही इंतजार कर रहा था। आओ मैं तुम्हें उनसे मिलवा देता हूँ।
जी सर... ।
इतना कहकर वो तीनों सर के साथ चल दिए।
स्पोर्ट्स ग्राउंड में आकर सर ने कोच कि तरफ़ इशारा करते हुए बोला वो रहे तुम्हारे नए कोच.....।सब खेलों में माहिर है.....बहुत छोटी उम्र में बहुत कुछ हासिल कर लिया हैं उन्होने....। मैंने उनको तुम्हारे बारे में सब बता दिया है आओ तुमसे मिलवा भी देता हूँ।
कोच उनकी तरफ़ पीठ किए हुए खड़े थे।
इतने में सर के मोबाइल पर कॉल आया।
फोन देखते हुए सर बोले :- रश्मि तुम कोच सर से मिल लो मैं कॉल अटेंड करके आता हूँ।
ओके सर.......। इतना कहकर रश्मि, राहुल और अलका उनकी ओर चल दिए।
उनके पास पहुंचते ही राहुल बोला... " गुड मॉर्निंग सर"
राहुल की आवाज सुनते ही सर जैसे ही पलटे उसी वक़्त रश्मि के हाथ में रखा हुआ उसका नेपकिन नीचे गिर गया.....। वो उसे उठाने के लिए नीचे झुक गई.....।
नेपकिन लेकर जैसे ही वो ऊपर उठी कोच को देखा और जोर से बोली... तुम यहाँ.....!!
कोच भी उसे देख कर बोला :- तुम.... !!
तभी अलका बोली :- रश्मि तुम सर को पहले से जानती हो क्या...!!
रश्मि उनकों गुस्से से देख कर बोली... बहुत अच्छे से......!
ऐसे लोगों को मैं एक बार देख लु तो कभी नहीं भुलती, जो राह पर चलने वाले लोगों को कुछ नहीं समझते.....।
देखिए जो कुछ भी हुआ उसके लिए मैं आपको सॉरी पहले ही बोल चुका हूँ।।
हां तो कोई अहसान नहीं किया.. अगर मुझे कुछ हो जाता तो......।
कोच रश्मि की बात काटते हुए... पर कुछ हुआ तो नहीं ना......!!
रश्मि गुस्से से - तो क्या होने की राह देखुँ.......।
इतने में हैड सर वहाँ आ गए।
कोच- गुड मॉर्निंग सर.....।
गुड मॉर्निंग.......। आप मिल लिए रश्मि से??
जी सर अच्छे से मिल लिया......। कोच सर मुस्कुराते हुए रश्मि की ओर देखकर बोले।
रश्मि अभी भी उनकों गुस्से से देखें जा रहीं थी और मन ही मन बड़बड़ा रहीं थी।
हैड सर- अच्छा अभी मैं अपने आफिस जा रहा हूँ आप अच्छे से इनकी प्रैक्टिस पर ध्यान दिजिए.....। इस बार हमें जीत ही चाहिए.......।
अलका और राहुल भी अपने लैक्चर अटेंड करने के लिए जाने लगे.....।
बाय रश्मि हम क्लासेस के बाद मिलते हैं.....। दोनों ने जाते हुए रश्मि से कहा.....।
रश्मि ने हां में सर हिलाया।।
कोच सर ने उनके जातें ही अपना हाथ रश्मि की तरफ़ बढ़ाते हुए कहा... हाय आई एम रोहित .....।
रश्मि ने हाथ मिलाते हुए कहा.. रश्मि.....।
आइये मैं बाकी सब से भी आपको मिला देता हूँ.....।
कोच सबसे मिलवाने लगे।
स्टूडेंटस हमारे पास सिर्फ एक महीने का वक़्त हैं इसलिए कोई भी लापरवाही मुझे नहीं चाहिए....। हर रोज़ समय पर सब ग्राउंड में पहुँच जाने चाहिए।
हम कल से अपनी प्रैक्टिस चालू करेंगे। अभी आप सब मुझे अपना अपना परिचय दिजिए और कौन कौन किस खेल में हिस्सा ले रहा हैं वो भी बताएं....।
सभी से परिचय लेने के बाद....:- ओके ऑल....। कल ठीक नौ बजे सब ग्राउंड में आ जाना......। रश्मि तुम यही रूकना.. मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।
सभी प्लेयर्स वहां से ओके सर कहकर चल दिए...।
रश्मि मन ही मन बड़बड़ाने लगी.... मुझसे क्या बात करनी हैं.....इस खडु़स को....।
रोहित सबके जाने के बाद मुस्कुराते हुए रश्मि के पास आकर बोला...:- अभी सब चले गए हैं.....तुम जोर से बोल सकतीं हो......मन ही मन मुझे कोसने से अच्छा है जोर से बोलो....।
रश्मि चोंकते हुए बोली.. ऐ.....ऐसा कुछ नहीं है.....।
आपने मुझे रूकने को क्यूँ बोला कहिए क्या बात करनी है आपको..?
आई लव यू.... रोहित ने बोला..।
व्हाट.. !!!!!
रश्मि चौक कर बोली..।
ये क्या बकवास है..। आपकी हिम्मत कैसे हुई ऐसा बोलने की.....। आप यहाँ खेल सिखाने आए हैं या ये सब बकवास करने......। मैं अभी हैड सर के पास जाकर आपकी शिकायत करती हूँ...।
इतना कहकर वो पलटकर जा ही रहीं थीं कि रोहित ने उसकी कलाई पकड़ कर उसे अपनी तरफ़ खींचा और कहा :- तुम गुस्से में ज्यादा अच्छी लगती हो.....। मैं तो बस तुम्हे ऐसे गुस्से में देखना चाहता था .....इसलिए मजाक कर रहा था....। रश्मि रोहित के इतना पास आकर कुछ बोल ही नहीं पा रही थी।
रोहित ने उसके कानों में धीरे से कहा.. आई एम जस्ट जोकिंग......और फिर रश्मि को छोड़ दिया......।
फिर मुस्कुराते हुए वहाँ से चला गया....।
रश्मि अभी भी बुत बनकर वहीं खड़ी थी।
तभी अलका ने पीछे से आकर उसे जोर से गले लगाते हुए बोली :- क्या हुआ मेरी जान यहाँ ऐसे अकेले क्यूँ खड़ी हैं....!!
रश्मि- कुछ नहीं.....।
तेरी क्लासेस हो गई....?
नहीं यार मुझे बहुत जोरों से भुख लगी है और तुझे तो पता है मुझसे भुख बिल्कुल बरदाश्त नहीं होती है....।
इसलिए तुझे लेने आई हूँ....। चल कैंटीन में चल कर कुछ खाते हैं।
लेकिन मुझे भुख नहीं है अलका.....।रश्मि ने परेशान होते हुए कहा।
ओये हैलो......। तेरे बिना कभी कुछ खाया है क्या अकेले। चुप करके चल अभी मेरे साथ राहुल भी हमारा वहाँ इंतजार कर रहा होगा.....। मैंने उसको भी बुला लिया है वही पर।
रश्मि कुछ बोलती इससे पहले अलका उसकों खींच कर लेकर जाने लगीं।
दोनों कैंटीन में पहुंचे तो राहुल वहाँ पहले ही आ चुका था और आर्डर भी दे चुका था।
कितनी देर लगा दी यार कबसे इंतजार कर रहा हूँ तुम दोनों का।
अलका और रश्मि अपनी अपनी चेयर पर बैठीं।
अलका- टेबल पर रखे हुए समोसे, पेटिज और पास्ता को देख कर खुश होते हुए बोली... वाओ राहुल.. तुने तो सब हमारी पसंद का नाश्ता आर्डर किया है....। थैंक्यू......।
वो जल्दी से अपनी प्लेट सर्व करने लगी।
रश्मि अभी भी चुपचाप बैठीं हुई थी।
राहुल ने उसे आवाज लगाईं :- रश्मि।
तो वो चौंक गई।
क्या हुआ रश्मि ।। तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना ऐसे क्युं बैठीं हो......लो खाना चालू करो.....।
रश्मि ने हां में सर हिलाते हुए अपनी प्लेट ली, और पास्ता लेने लगीं.....।
तभी अलका ने उसे टोकटे हुए कहा... रश्मि क्या हुआ है तुझे... तु समोसा छोड़ कर पास्ता कब से खाने लगीं.....।
रश्मि चौक गई और लड़खडा़ते हुए बोली... :- वो मैं..मैं ..ये राहुल के लिए सर्व कर रहीं थी।
राहुल ये सुन कर खुश हो गया....।
वो रश्मि से बोला... थैंक्यु रश्मि....। तुम भी खाओ।
हां... रश्मि इतना कहकर खाने ही वाली थी कि अचानक उसकी नज़र कैंटीन में अभी अभी आए रोहित पर पड़ी वो फिर से उसकों बुत बनकर देखने लगीं।
राहुल ने रश्मि को ऐसे देखा तो रश्मि को आवाज देते हुए बोला... क्या हुआ रश्मि....। रूक क्यूँ गई।।। तुम ठीक तो हो....?
रश्मि चौंक गई......और उसने अपनी नजरें झुका ली ओर खाने लगीं.....। पर वो चोर नजरों से बार बार रोहित को देख रहीं थी।
रोहित भी अपना आर्डर लेकर टेबल की ओर आ रहा था तो उसकी नज़र भी रश्मि पर पड़ी.....। वो रश्मि को देख कर मुस्कुराने लगा।
रश्मि ने जैसे ही ये देखा तो फिर से मन ही मन बड़बड़ाने लगी........ हे भगवान इस खड़ूस को बार बार मेरे सामने क्यूँ ले आते हो....।
रोहित उसकों ऐसे देख कर मुस्कुराए जा रहा था।
रोहित, राहुल और रश्मि की अनोखी दास्तान को जानने के लिए अगले भाग का इंतजार करें.....।
#कहानीकार प्रतियोगिता
Babita patel
16-Aug-2023 10:36 AM
Nice
Reply